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Hideअकबर महान
एक विवादास्पद मुगल शासक अकबर महान मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के पोते थे| भारत पर उनका प्रभाव निर्विवाद है और उन्होंने लगभग पचास वर्षों तक शासन किया| उनका जन्म एक निर्वासित शाही परिवार में हुआ था, क्योंकि उनके पिता सम्राट हुमायूँ को शेरशाह सूरी ने भारत के बाहर ईरान में खदेड़ दिया था| अकबर का जन्म और पालन-पोषण उमरकोट में हुआ था जो आज के पाकिस्तान में है, जबकि उनके माता-पिता ने अपनी शक्ति का पुनर्गठन फारस में जाकर किया| हुमायूं ने 1555 में दिल्ली पर फिर से विजय प्राप्त की और कुछ महीनों बाद उनकी मृत्यु हो गई| तेरह वर्षीय अकबर को नया सम्राट घोषित किया गया और उनके संरक्षक, बैरम खान ने अकबर के वयस्क होने तक शासन का कार्यभार संभाला|
अकबर ने मालवा, राजस्थान, गुजरात और बंगाल पर आक्रमण कर और इन पर विजय प्राप्त कर अपने दादा के साम्राज्य का विस्तार किया| उन्होंने फतेहपुर सीकरी में एक नए राजधानी शहर की स्थापना की लेकिन बाद में इस शहर को छोड़ दिया गया और आगरा को वापस राजधानी बना दिया गया| अकबर एक व्यवस्थापक थे, उन्होंने कराधान प्रणाली और सेना को पुनर्गठित किया| अपने शुरुआती दिनों में वे अन्य मुस्लिम संप्रदायों सहित अन्य धर्मों के प्रति असहिष्णु थे| उन्होंने हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया और हिंदुओं के प्रति एक धर्मान्ध नीति का समर्थन किया| समय के साथ वे विनम्र हुए और एक धार्मिक सुधारक तथा उदार शासक के रूप में जाने गए| उन्होंने अपने इबादत खाना (पूजा गृह) में विभिन्न धर्म समुदायों के बीच संभाषण कराना शुरू किया| हालांकि इन संवादों ने वास्तव में विभिन्न धर्म समुदायों के बीच धार्मिक पूर्वाग्रहों को भड़काने का काम किया और अंततः इन्हें बंद कर देना पड़ा, इन सत्रों ने विभिन्न धर्मों के बीच समानता को लेकर अकबर की आँखें खोल दी| उन्होंने एक धार्मिक आंदोलन का गठन किया जिसे कुछ लोगों ने दीन-ए-इलाही (परमेश्वर का धर्म) के रूप में संदर्भित किया है जिसमें मानवीय मूल्यों का समर्थन और औपचारिक धार्मिक प्रथा या पुरोहित संबंधी पदानुक्रमों को अस्वीकार कर दिया गया| इस कदम के कारण उन पर अधर्म और अहंकारोंमाद के आरोप लगे| कई लोग अभी भी अकबर के खिलाफ बहस करेंगे और उनके ऊपर स्वयं को केंद्र में रखकर एक धर्म की स्थापना करने की कोशिश का आरोप लगाएंगे| ब्रिटिश अनुवादकों द्वारा उनकी आत्मकथा के त्रुटिपूर्ण अनुवादों में उनके दीन-ए-इलाही को एक अशुद्ध अर्थ के रूप में उद्धृत किया गया है, लेकिन यह अभी भी वर्तमान में एक सिद्धांत है|
अकबर की मृत्यु 1605 में पेचिश के एक दौरे के बाद हो गई और उन्हें आगरा में दफनाया गया| उनके बाद उनके पुत्र मुगल सम्राट जहाँगीर ने गद्दी संभाली, जिनके बेटे शाहजहां ने सुप्रसिद्ध ताजमहल बनवाया.