मदर इंडिया |
चमक-धमक व भड़कीले नाच-गानों के दौर से पहले आई फिल्म मदर इंडिया महबूब खान द्वारा निर्देशित एक सर्वोत्कृष्ट बॉलीवुड कृति है| 1957 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में बॉलीवुड के सितारे सुनील दत्त व नर्गिस मुख्य भूमिकाओं में थे| यह ऑस्कर पुरस्कारों की विदेशी भाषा श्रेणी में नामित होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म है, मदर इंडिया एक उत्कृष्ट कथानक व अभिनय के लिए प्रसिद्द है| |
ग्रामीण पृष्ठभूमि की इस फ़िल्म में मुख्य पात्र, राधा (नर्गिस), के ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों का सजीव चित्रण है। फिल्म के सभी किरदार भयावह दरिद्रता के कुचक्र में पिस रहे हैं, व समस्याएँ उनका साथ ही नहीं छोड़तीं| इस सब के बीच राधा भारतीय नारी के शील व शक्ति के गुणों को दर्शाती हुई सभी कठिनाईओं को हँसती हुई झेलती है, अपने परिवार का भरण-पोषण करती है, अपने बच्चों के लिए बलिदान देती है, और वह अपने परिवार के खिलाफ जाके अपने समुदाय के सिद्धांतों का समर्थन करती है| राधा को एक आदर्श हिंदु माँ के रूप में दर्शाया गया है, हालांकि वह पारंपरिक पितृसत्ता से मुक्ति पा लेती है और अपने परिवार के भरण-पोषण में लग जाती है जब उसका पति वह करने में असमर्थ होता है| |
हालांकि फिल्म की कथा का मूल भारतीय नारी के चरित्र की शुद्धता पर नियत है, परंतु साथ ही यह नए भारत की ब्रिटिश राज से स्वतन्त्रता के 10 वर्ष बाद की समस्याओं का एक जीवंत चित्रण भी है| |
मदर इंडिया अपने समय में सबसे अधिक राजस्व कमाने वाली फिल्म बनी और आज भी यह विश्व भर में सिने-प्रेमियों की पसंद है| यह फ़िल्म सुनील दत्त व नर्गिस के अति-प्रसिद्ध रोमांस का कारण भी बनी। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सीन में नर्गिस आग से घिर गईं और एक असली हीरो की तरह सुनील ने अपनी जान की परवाह किए बिना उनके जीवन की रक्षा की जिसके बाद दोनों में प्रेम हो गया| फिल्म को अनेकों पुरस्कार मिले, जैसे कि सर्वश्रेष्ट फिल्म, निर्देशन, छायांकन व ध्वनि के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार| नर्गिस को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ| साथ ही वे चेक-गणराजय के कार्लोवी वेरी अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं| मदर इंडिया एक कालातीत क्लासिक फिल्म है, व यह फिल्म अपने उत्तेजक व अकृत्रिम कथानक की वजह से सिनेमा प्रेमियों को सदैव ही मोहित करती रहेगी| |
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Hideमदर इंडिया
चमक-धमक व भड़कीले नाच-गानों के दौर से पहले आई फिल्म मदर इंडिया महबूब खान द्वारा निर्देशित एक सर्वोत्कृष्ट बॉलीवुड कृति है| 1957 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में बॉलीवुड के सितारे सुनील दत्त व नर्गिस मुख्य भूमिकाओं में थे| यह ऑस्कर पुरस्कारों की विदेशी भाषा श्रेणी में नामित होने वाली पहली बॉलीवुड फिल्म है, मदर इंडिया एक उत्कृष्ट कथानक व अभिनय के लिए प्रसिद्द है|
ग्रामीण पृष्ठभूमि की इस फ़िल्म में मुख्य पात्र, राधा (नर्गिस), के ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों का सजीव चित्रण है। फिल्म के सभी किरदार भयावह दरिद्रता के कुचक्र में पिस रहे हैं, व समस्याएँ उनका साथ ही नहीं छोड़तीं| इस सब के बीच राधा भारतीय नारी के शील व शक्ति के गुणों को दर्शाती हुई सभी कठिनाईओं को हँसती हुई झेलती है, अपने परिवार का भरण-पोषण करती है, अपने बच्चों के लिए बलिदान देती है, और वह अपने परिवार के खिलाफ जाके अपने समुदाय के सिद्धांतों का समर्थन करती है| राधा को एक आदर्श हिंदु माँ के रूप में दर्शाया गया है, हालांकि वह पारंपरिक पितृसत्ता से मुक्ति पा लेती है और अपने परिवार के भरण-पोषण में लग जाती है जब उसका पति वह करने में असमर्थ होता है|
हालांकि फिल्म की कथा का मूल भारतीय नारी के चरित्र की शुद्धता पर नियत है, परंतु साथ ही यह नए भारत की ब्रिटिश राज से स्वतन्त्रता के 10 वर्ष बाद की समस्याओं का एक जीवंत चित्रण भी है|
मदर इंडिया अपने समय में सबसे अधिक राजस्व कमाने वाली फिल्म बनी और आज भी यह विश्व भर में सिने-प्रेमियों की पसंद है| यह फ़िल्म सुनील दत्त व नर्गिस के अति-प्रसिद्ध रोमांस का कारण भी बनी। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सीन में नर्गिस आग से घिर गईं और एक असली हीरो की तरह सुनील ने अपनी जान की परवाह किए बिना उनके जीवन की रक्षा की जिसके बाद दोनों में प्रेम हो गया| फिल्म को अनेकों पुरस्कार मिले, जैसे कि सर्वश्रेष्ट फिल्म, निर्देशन, छायांकन व ध्वनि के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार| नर्गिस को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ| साथ ही वे चेक-गणराजय के कार्लोवी वेरी अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं| मदर इंडिया एक कालातीत क्लासिक फिल्म है, व यह फिल्म अपने उत्तेजक व अकृत्रिम कथानक की वजह से सिनेमा प्रेमियों को सदैव ही मोहित करती रहेगी|
Hello Jeff,
एवं or 'Evam' means 'and' in English. It is pure Hindi or shudh Hindi so to say. People these days however prefer to use 'aur' and you would hear it more often compared to 'evam'. However both are correct.
Hope this helps!
Cheers,
Neha
Team HindiPod101.com
The first time I came across the word "evam" (in a book of children's stories), I asked my Hindi teacher if this was an unusual word, and he said he used it every day. This was in an area (Mussoorie) which doesn't use heavily Sanskritised Hindi.
Hello raj,
Hindi incorporates a large amount of vocabulary from Persian, Arabic, Sanskrit and Turkic. What you called the over-Sanskritized Hindi is the Sanskrit-based dialect of Hindi, which still is spoken in the region around Varanasi.
Due to modernization, the people living in metros of course speak the modern Hindi (which you called the 'real Hindi') with a lot of usage of English words in a sentence.:cool:
And since this is the Advanced Series, we thought it best for the listeners to learn and understand the roots of Hindi. It's all a matter of choice to use it on a daily basis or not :smile:
Hope this answers your comment!
Cheers,
Neha
Team HindiPod101.com
Nobody actually says words like "evam". I would prefer real Hindi to this artifically over-Sanskritized Hindi.