गदर—एक प्रेम कथा |
भारत व पाकिस्तान के 1947 में हुए दर्दनाक विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म गदर—एक प्रेम कथा इस विभाजन की भयावह सच्चाईयों व भारत के इतिहास एवं वर्तमान में दर्ज पारधार्मिक शादियों की लोकप्रिय थीम पर आधारित है| अनिल शर्मा निर्देशित इस फिल्म में सनी देओल एक सिख ट्रक-चालक तारा सिंह की भूमिका में हैं, व अमीषा पटेल एक मुस्लिम लड़की सकीना की| सकीना के पिता के किरदार में हैं अदम्य अमरीश पुरी| हालीवुड के सिने प्रेमी उन्हें ‘इंडियाना जोन्स एंड द टैंपल आफ डूम’के पुजारी काली के रूप में जानते हैं| |
तारा व सकीना की प्रेम कहानी विभाजन के दौरान हो रहे भयानक दंगों व प्रवासियों के साथ हुए भयावह नरसंहार के दौरान परवान चढ़ती है| पूरी की पूरी ट्रेनें व कारें धर्म के आधार पर नरसंहार की भेंट चढ़ा दी गईं, और उसके बाद हिंदुओं, सिखों व मुसलमानों द्वारा किए गए प्रतिकार के कारण यह विभाजन प्रवासियों के लिए एक वीभत्स दुस्वप्न बन गया| फ्लैशबैक में पता चलता है कि तारा व सकीना कालेज के दौरान मिले थे, तारा सिंह सकीना को नरसंहार व उसकी जान लेने पर उतारू एक भीड़ से बचाता है| सकीना इस प्रतिरोधी इलाके में अपनी सुरक्षा के लिए सिख धर्म अपना लेती है और वह तारा के घर में शरण पाती है| |
समय के साथ दोनों में प्यार हो जाता है, दोनों शादी कर लेते हैं व सकीना एक बेटे को जन्म देती है| वह समझती है कि उसके पिता सांप्रदायिक दंगों में मारे गए, परंतु एक अखबार में उनकी ताज़ा तस्वीर देखकर उसे ज्ञात होता है कि वह जीवित हैं और पाकिस्तान पहुँच चुके हैं| वह वहाँ लाहौर शहर के मेयर हैं| सकीना उनसे संपर्क करती है, और उसे वहाँ जाने व उनके साथ फिर एक होने के लिए वीज़ा मिल जाता है| तारा व उनका पुत्र वीज़ा में देरी की वजह से नहीं जा पाते, व सकीना अकेली ही पाकिस्तान चली जाती है| |
पाकिस्तान पहुँचने तक सकीना को यह आभास भी नहीं होता कि उसके पिता उसके नए जीवन, पति व शादी से कतई सहमत नहीं हैं, एवं चाहते हैं कि वह तारा व बच्चे के बिना पाकिस्तान में नया जीवन आरंभ करे| तारा अपने बेटे के साथ चोरी से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुँच जाता है, व सकीना की जबरन दूसरी शादी से रक्षा करता है| उसका होने वाला दूल्हा और तारा एक दूसरे के साथ लड़ाई करते हैं और तारा जीतता है पर सकीना के पिता अब भी उनकी शादी से सहमत नहीं हैं| अंत में जब हालात खराब होने लगते हैं तो पिता को अपनी बेटी के प्रति प्रेम व कट्टर राष्ट्रभक्ति के अपने विचारों पर पुनः विचार करने पर बाध्य होना पड़ता है और अंत में फिर वह अपनी बेटी के चुने जीवन को स्वीकार कर लेते हैं| |
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Hideगदर: एक प्रेम कथा
भारत व पाकिस्तान के 1947 में हुए दर्दनाक विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म गदर: एक प्रेम कथा इस विभाजन की भयावह सच्चाईयों व भारत के इतिहास एवं वर्तमान मे दर्ज पारधार्मिक शादियों की लोकप्रिय थीम पर आधारित है| अनिल शर्मा निर्देशित इस फिल्म में सनी देओल एक सिख ट्रक-चालक तारा सिंह की भूमिका में हैं, व अमीषा पटेल एक मुस्लिम लड़की सकीना की| सकीना के पिता के किरदार में हैं अदम्य अमरीश पुरी| हालीवुड के सिने प्रेमी उन्हें ‘इंडियाना जोन्स एंड द टैंपल आफ डूम’के पुजारी काली के रूप में जानते हैं|
तारा व सकीना की प्रेम कहानी विभाजन के दौरान हो रहे भयानक दंगों व प्रवासियों के साथ हुए भयावह नरसंहार के दौरान परवान चढ़ती है| पूरी की पूरी ट्रेनें व कारें धर्म के आधार पर नरसंहार की भेंट चढ़ा दी गईं, और उसके बाद हिंदुओं, सिखों व मुसलमानों द्वारा किए गए प्रतिकार के कारण यह विभाजन प्रवासियों के लिए एक वीभत्स दु:स्वप्न बन गया| फ्लैशबैक में पता चलता है कि तारा व सकीना कालेज के दौरान मिले थे, तारा सिंह सकीना को नरसंहार व उसकी जान लेने पर उतारू एक भीड़ से बचाता है| सकीना इस प्रतिरोधी इलाके में अपनी सुरक्षा के लिए सिख धर्म अपना लेती है और वह तारा के घर में शरण पाती है|
समय के साथ दोनों में प्यार हो जाता है, दोनों शादी कर लेते हैं व सकीना एक बेटे को जन्म देती है| वह समझती है कि उसके पिता सांप्रदायिक दंगों में मारे गए, परंतु एक अखबार में उनकी ताज़ा तस्वीर देखकर उसे ज्ञात होता है कि वह जीवित हैं और पाकिस्तान पहुँच चुके हैं| वह वहाँ लाहौर शहर के मेयर हैं| सकीना उनसे संपर्क करती है, और उसे वहाँ जाने व उनके साथ फिर एक होने के लिए वीज़ा मिल जाता है| तारा व उनका पुत्र वीज़ा में देरी की वजह से नहीं जा पाते, व सकीना अकेली ही पाकिस्तान चली जाती है|
पाकिस्तान पहुँचने तक सकीना को यह आभास भी नहीं होता कि उसके पिता उसके नए जीवन, पति व शादी से कतई सहमत नहीं हैं, एवं चाहते हैं कि वह तारा व बच्चे के बिना पाकिस्तान में नया जीवन आरंभ करे| तारा अपने बेटे के साथ चोरी से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुँच जाता है, व सकीना की जबरन दूसरी शादी से रक्षा करता है| उसका होने वाला दूल्हा और तारा एक दूसरे के साथ लड़ाई करते हैं और तारा जीतता है पर सकीना के पिता अब भी उनकी शादी से सहमत नहीं हैं| अंत में जब हालात खराब होने लगते हैं तो पिता को अपनी बेटी के प्रति प्रेम व कट्टर राष्ट्रभक्ति के अपने विचारों पर पुन: विचार करने पर बाध्य होना पड़ता है और अंत में फिर वह अपनी बेटी के चुने जीवन को स्वीकार कर लेते हैं|
Hi Patricia,
Thank you for your comments and for pointing out the missing romanization. We will do our best to fix that right away.
Best,
Udita
Team HindiPod101.com
:disappointed: Although I very much enjoyed reading the English synopsis of this movie, the lesson does not also include the Romanization translation of the Hindi version of this same synopsis--and I cannot yet read, pronounce, or understand, or follow along the Hindi version, as I am an ansolute beginner. Was the Romanization section omitted ny mistake? If so, could you please add it to the lesson?